तेजस्वी की वापसी क्या आरजेडी में घमासान कम होने का संकेत है?

बिहार की राजनीति में लंबे समय बाद विपक्ष की भूमिका में बड़ा चेहरा सक्रिय होते दिखा है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव पटना वापस आ गए हैं. उनकी वापसी पार्टी में चल रहे अंदरूनी घमासान कम होने का संकेत है, लेकिन ये बस कयास हैं. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पार्टी सुप्रीमो लालू यादव के कहने पर तेजस्वी ने वापसी की है. लालू यादव ने तेजस्वी की डिमांड लगभग पूरी कर दी है. साथ ही तेजस्वी को जल्द पार्टी सुप्रीमो के बाद का पद भी मिल सकता है.
बाढ़ और चमकी बुखार के दौरान गायब रहे
दरअसल, लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कहा जा रहा था कि तेजस्वी की पार्टी में पूरी तरह चल नहीं रही थी. लालू यादव भी उनके कई फैसलों से खुश नहीं थे. लोकसभा चुनाव में हार के बाद 33 दिन तेजस्वी गायब थे. जुलाई के पहले हफ्ते में वह सामने आए थे. इसके बाद तेजस्वी फिर गायब हो गए थे. चमकी बुखार और भीषण बाढ़ के दौरान भी तेजस्वी कहीं सक्रिय नहीं थे. वह पार्टी में शून्य वाली भूमिका में रहे. हालांकि अगस्त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्हें फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट जरूर किया था.
बैठक में नहीं पहुंचे तेजस्वी, तेज प्रताप और मीसा
16 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास, 10 सर्कुलर रोड पर पार्टी के तमाम विधायकों, पार्षदों, मौजूदा और पूर्व जिलाध्यक्षों की अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती को भी शामिल होना था, लेकिन वे तीनों बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे. इस बैठक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी पर चर्चा हुई थी.
पटना पहुंचते धरने पर बैठे तेजस्वी
21 अगस्त को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पटना पहुंचते ही सड़क पर उतर गए. तेजस्वी अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत पटना रेलवे स्टेशन के समीप बने दूध मार्केट को तोड़े जाने के विरोध में धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक इन दूध विक्रेताओं को न्याय नहीं मिल जाता, वह धरने से नहीं उठेंगे. पुलिस के मुताबिक, पटना में अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के 5वें दिन बुधवार को पटना जंक्शन के पास बने दूध बाजार को तोड़ दिया गया था. इस दौरान दूध विक्रेताओं द्वारा विरोध और जमकर हंगामा किया गया.
पार्टी नेताओं के अलग-अलग बोल
हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा था पार्टी को लालू प्रसाद यादव का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिलता रहेगा, लेकिन तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना आज की युवा की मांग है. पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जैसा उचित समझें फैसला कर सकते हैं. तेजस्वी यादव तो पार्टी को संभाल ही रहे हैं. हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता का मानना है कि तेजस्वी यादव ने अपने आचरण से सभी को निराश ही किया है. भले तेजस्वी यादव पद हासिल कर लें, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मुकाबला टेढ़ी खीर है.